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जुड़वा बच्चों की सामान्य डिलवरी होती है चुनौती, डा. पूनम गोयत ने करवाई जुड़वा बच्चों की सामान्य डिलवरी

महम के भगत जी अस्पताल की डाक्टर हैं पूनम गोयत

जुड़वा बच्चों के मामले में दो-तीन प्रतिशत ही डिलवरी होती हैं सामान्य
सिजेरियन डिलवरी का बढ़ रहा है चलन
महम

बच्चे का जन्म परिवार के लिए उत्सव और मां के लिए खुशी और चुनौती दोनों होती है। गांवों में तो अब भी कहावत है कि ’मां सिहराने कफन रख कर बच्चे को जन्म देती है।’ एक कहावत यह भी है कि ’बच्चे के जन्म के साथ मां अपना भी नया जन्म लेती है।’ विशेषकर बच्चे जब जुड़वा हो तो जोखिम और चुनौती कई गुणा बढ़ जाती है। महम के भगत जी अस्पताल एवं मैटरनिटी सैंटर की डाक्टर पूनम गोयत ने जुड़वा बच्चों की सामान्य डिलवरी करवाई है। यह डिलवरी एक चुनौती थी। जच्चा और दोनों बच्चे स्वस्थ्य हैं। ढ़ाई साल पहले बने महम के भगत जी अस्पताल एवं मैटरनिटी सैंटर में यह जुड़वा बच्चों की पहली सामान्य डिलवरी है।
यह डिलवरी मदीना की श्रद्धा पत्नी पवन दांगी को हुई है। श्रद्धा का परिवार खेतीबाड़ी करता है। श्रद्धा का परिवार भी सामान्य डिलवरी से खुश है।

-डा. पूनम गोयत

रखनी होती है सावधानी
डा. पूनम ने बताया कि जुड़वा बच्चों की जानकारी मिलते ही मां तथा उसके परिजन सिजेरियन डिलवरी के बारे में सोचने लगते हैं। लेकिन यदि चिकित्सीय मापदंड सही हैं तो जुड़वा बच्चांे की भी सामान्य डिलवरी करवाई जा सकती है। बस कुछ सावधानियां रखनी होती है। साथ ही मां तथा परिजनों में भी इसके लिए विश्वास पैदा करना होता है कि सामान्य डिलवरी में कोई जोखिम नहीं है। बच्चों की गर्भ में पोजिशन तथा ओरनाल आदि की स्थिति यदि सामान्य नहंी है तो जुड़वा बच्चांे के मामले में सामान्य डिलवरी का जोखिम लेने से बचना होता है।

भगत जी अस्पताल एवं मैटरनिटी सैंटर मंे सामान्य डिलवरी से हुए जुड़वा बच्चे

दूसरे महीनें में ही पता चल जाता है बच्चों के जुड़वा होने का
डा. पूनम गोयत ने बताया कि गर्भावस्था के दूसरे महीनें में ही अल्ट्रसाऊंड से बच्चों के जुड़वा होने का पता चल जाता है। हालांकि बिना अल्ट्रासाऊंड के चैथे महीनें में इस बात का पता चल जाता है कि बच्चे जुड़वा हैं या नहीं।
मां को लेनी चाहिए अतिरिक्त डाइट
डा. पूनम का कहना है कि जुड़वा बच्चों की मां को गर्भावस्था के दौरान सामान्य से अतिरिक्त डाइट लेनी चाहिए। ऐसी स्थिति में मां को अतिरिक्त न्यूट्रिशन की आवश्यकता होती है। डा. पूनम का कहना है कि बच्चें के जन्म के दौरान मां के स्वस्थ्य मापदंड उच्च स्तर के होने चाहिए।24c न्यूज/ इंदु दहिया 8053257789

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