उपायुक्त ने लिया महामारी के हालातों का जायजा
महम
उपायुक्त रोहतक कैप्टन मनोज कुमार तथा पुलिस अधीक्षक रोहतक राहुल शर्मा ने मंगलवार को उपमण्डल के गांव मोखराए खरकड़ा में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा फरमाणा बादशाहपुर के स्वास्थ्य केन्द्र में बनाए गए कोविड केयर सेंटरो का दौरा करके कोरोना पोजिटिव व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहरों के अस्पतालों में जाने से हिचकिचा रहे है जिसके मद्देनजर कोरोना पोजिटिव लोगों की सुविधा के लिए जिले के विभिन्न गांवों में ही 46 आइसोलेशन केन्द्र स्थापित किए गए है। उन्होने स्पष्ट किया कि बहुत से लोगों को आइसोलेशन केन्द्रों के बारे मे तरह.2 की भ्रांतिया है कि आइसोलेशन केन्द्र में कोई डॉक्टरए नर्स अथवा देखभाल करने वाला नहीं है। उपायुक्त ने बताया कि आइसोलेशन केन्द्र अस्पताल न होकर एक ऐसी जगह है जो उन लोगों के लिए बनाई गई है जिन परिवारों में सदस्यों की संख्या ज्यादा है और आइसोलेट होने के लिए घर पर जगह की कमी है। उनमें एक व्यक्ति संक्रमित हो जाता है और परिवार के अन्य सदस्यों को भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है वे व्यक्ति कोविड केयर सेंटर में आइसोलेट होकर अपने आप व परिवार को कोरोना संक्रमण से बचा सकते है। इन सेंटरो में प्लस ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल तथा थर्मामीटर से तापमान जाँच की जा सकती हैए अगर संक्रमित व्यक्ति को लगता है कि उसे चिकित्सा सहायता की जरूरत है तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया जाएगा।
खरकड़ा में 60 में से एक व्यक्ति मिला संक्रमित
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी मदीना डाण् जोगिन्द्र सिंह ने उपायुक्त को बताया कि खरकडा गांव में आज 60 व्यक्तियों की रेपिड कोरोना जाँच की गई जिनमें केवल एक ही व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला। उपायुक्त ने संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि जिले में 80.90 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की संक्रमण दर एवं मृत्यु दर में गिरावट आई है।
गली-गली जाकर की जा रही है पहचान
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार तथा पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्र में कोविड.19 के संक्रमण की पहचान करने तथा इस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए प्रत्येक गांव में फील्ड एवं हेडक्वार्टर द्वारा गठित टीमों का निरीक्षण कर रहे थे। उपायुक्त ने खरकड़ा में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में कोविड किट की जाँच करते हुए स्वयं ऑक्सीमीटर लगाकर ऑक्सीजन की जाँच की।
उन्होंने बताया कि फील्ड टीमों द्वारा गली.गली व घर.घर जाकर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जा रही है तथा हेडक्वार्टर टीमों द्वारा ऐसे व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट के अनुसार दवाईयां दी जाती है तथा टीकाकरण भी किया जाता है। इन टीमों की निगरानी संबंधित उपमंडलाधीश द्वारा की जा रही है। अपने.अपने खंडों में संबंधित विकास एवं पंचायत अधिकारी निगरानी कर रहे है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी नियमित निगरानी कर रहे है।
हवन को कोरोना का उपचार ना मानें
उपायुक्त ने हवन के बारे में बताया कि हवा शुद्धिकरण के इसका प्रयोग कर सकते है लेकिन इसे कोरोना के उपचार के तौर पर सामने रखकर लोगों को भ्रमित न करे। बाद में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि ग्रामीण सर्वे करवाया गया है अब इस सप्ताह पहले की अपेक्षा कोरोना केसों में कमी आई है।
प्रशासन तथा इलेक्ट्रानिक एवं प्रिट मीडिया द्वारा भी जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है। जिला में ऑक्सीजन तथा एम्बुलेंस की कोई कमी नहीं है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महामारी को दौर है और सोशल मीडिया द्वारा मोबाइल टावरों की रेंज के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों व अप्रमाणिक तथ्यों से जनता को गुमराह नही होना है तथा जो भी असामाजिक तत्व इन अफवाहों का प्रचार कर रहे है उनकी वीडियो साइबर सेल को सौप दी गई है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। विज्ञप्ति
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हवन पर अच्छा संदेश दिया हर गांव मे कैंप लगाना चाहिए सरकार द्वारा और ग्रामीणो को भी आगे आना चाहिए