कर्मचारी व किसान नेता कामरेड प्रेम सिंह सिवाच का निधन

  • किसान आंदोलन में थे लगातार सक्रिय
  • पत्नी धन्नो देवी ने उठाया अधूरे काम पूरे करने का बीड़ा

संघर्षशील कर्मचारी व किसान नेता के रूप में पहचाने जाने वाले कामरेड प्रेम सिंह सिवाच नहीं रहे। लगभग 75 वर्षीय प्रेम सिंह किसान आंदोलन के दौरान लगातार सक्रिय थे। उनके पैतृक गांव सैमाण में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

कर्मचारियों को किया संगठित

प्रेम सिंह हरियाणा राज्य परिवहन विभाग में वर्ष 2004 में सेवानिवृत हुए थे। अपने सेवाकाल में उन्होंने कर्मचारियों को संगठित करने में अग्रणी भूमिका निभाई। लगातार 15 वर्षो तक सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान के पद पर रहे। वे संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

किसानों के लिए संघर्ष

हरियाणा राज्य परिवहन विभाग से सेवानिवृति के बाद प्रेम सिंह ने अखिल भारतीय किसान सभा के कार्य किया। फिलहाल वे महम तहसील कमेटी के प्रधान थे। वे किसान आंदोलन में आरंभ से ही सक्रिय थे। मदीना टोल प्लाजा पर प्रतिदिन आते थे। धरने की अधिकतर बार अध्यक्षता करते थे। किसानों को संबोधित करते थे।  

किसान आंदोलन सफल हो-धन्नो देवी

इस आंदोलन में उनकी पत्नी भी उनका साथ दे रही थी। उनकी पत्नी धन्नो देवी का कहना है कि किसान आंदोलन अपनी जीत तक पहुंचे, यही उनके पति को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। धन्नों देवी का कहना है कि वे अपने पति के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगी।

मदीना टोल प्लाजा पर होगी शोक सभा

कामरेड प्रेम सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को मदीना टोल प्लाजा पर दोपहर 12 बजे शोकसभा होगी। इस शोक सभा में प्रेम सिंह द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जाएगा।

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