किसानों ने कहा, नहीं हुई ड्रेन की सफाई
महम
बारिश के इस मौसम में भी ड्रेन का टूटना शुरु हो गया है। मंगलवार की सुबह बलंभा तथा खरकड़ा की लगभग सीमा के पास से ड्रेन टूट गई है। ड्रेन पर खरकड़ा की ओर लगभग 15 फुट चौड़ा कट लग गया। ड्रेन के पानी के अचानक आए बहाव 250 से ज्यादा एकड़ कृषि भूमि की फसलें जलमग्न हो गई हैं। अधिकतर खेत गांव खरकड़ा के हैं।
ड्रेन में हुए कटाव से किसानों में भारी रोष है। किसान राममेहर ने बताया कि ड्रेन उनके खेत के पास से ही टूटी है। बलंभा के खेतों में तो लगभग 50 एकड़ में जलभराव हुआ है जबकि खरकड़ा के खेतों में 200 एकड़ से ज्यादा में पानी जमा हो गया है। खास बात यह है कि ड्रेन के पानी से डूबे खेतों में भाजपा के सर्वोच्च स्थानीय नेता शमसेर खरकड़ा के भी खेत शामिल हैं।
नही हुई ड्रेन की सफाई
किसानों का आरोप है कि विभाग ने ड्रेन की सफाई ही नहीं की। ड्रेन में भारी मात्रा जलखुंभी तथा अन्य खरपतवार खड़ी है। जिससे ड्रेन के पानी का बहाव सही से नहीं हो पाता है। हद तो यह है कि ड्रेन की पटरी तक भी ठीक नहीं है। ड्रेन की पटरी पर कोई वाहन ही नहीं ले जाया सकता। विभाग ने ड्रेन पूरी तरह लावारिश छोड़ रखा है।
मजदूर ढोह रहे हैं कट्टे
किसानों ने बताया कि पटरी ठीक न होने के कारण कटाव रोकने में बहुत ज्यादा समय लग रहा है। कटाव तक जेसीबी मशीन नहीं जा सकी। ऐसे में मानव संसाधनों से ही कटाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर रेत के कट्टे लेकर कटाव तक जा रहे हैं। बहाव को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका है।
लिंक रोड़ ने बचाया बलंभा को
बलंभा के किसानों का कहना है कि उनके गांव की ज्यादातर फसलों को तो हाईवे से गांव तक के लिंक रोड़ ने बचा लिया। इस लिंक रोड़ के कारण बलंभा के खेतों में ज्यादा पानी नहीं घुस पाया। लिंक रोड़ के नीचे पुलिया को भी बंद कर दिया गया। अन्यथा गांव बलंभा में पानी घुस सकता था।
ये कहना है एसडीओ का
इधर ड्रेन विभाग के एसडीओ अशोक बंसल का कहना है कि ड्रेन के कट को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। आज देर शाम तक कट को बंद कर दिया जाएगा। उसके बाद ही सही में अंदाजा हो पाएगा कि कितनी कृषि भूमि में पानी का जमाव हुआ है। इंदु दहिया/ 8053257789
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