बिजेंद्र दहिया

जुलाई 2011 से गुजवि, हिसार में जनसंपर्क अधिकारी के पद पर पदासीन थे बिजेंद्र दहिया

महम के साहित्यकार, रंगकर्मी तथा पत्रकार रहे बिजेंद्र विजय दहिया गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय हिसार के उपनिदेशक जनसंपर्क नियुक्त किए गए हैं। विजय दहिया विश्वविद्यालय में 18 जुलाई 2011 से जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।

पत्रकारिता में एमए के अतिरिक्त कानून में भी स्नातक विजय दहिया वर्तमान में हरियाणा सूफीमत पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से ही पीएचडी रहे है, उनका शोध कार्य अंतिम चरण में है। दहिया ने विश्वविद्यालय के कल्चरल कोर्डिनेटर के रूप में भी सेवाएं दी हैं। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक तथा चौ. बंसी लाल विश्वविद्यालय भिवानी आदि में सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए निर्णायक मंडल पैनल में भी हैं।

दहिया द्वारा वृक्ष संरक्षण पर दिए गए बलिदान की एक अत्यंत गौरवपूर्ण ऐतिहासिक घटना पर लिखित व निर्देशित नाटक ‘महाबलिदान’ को काफी सहराया गया है। छात्र जीवन में वाद-विवाद प्रतियोगिता में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम रहे विजय दहिया की कविता ‘पत्थर बनी अहिल्या’ मंचों पर काफी पंसद की जाने वाली कविता है। उनके द्वारा लिखित ‘गीत आ री गोरैया फिर से मेरे गांव आ’ को हरियाणा राज्य वन विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लांच किया गया था। दहिया को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008 में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए सम्मानित भी किया चुका है। उन्हें पत्रकारिता के लिए चौबीसी गौरव पुरस्कार भी मिल चुका है।

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