भौमजी वाली परस में हुई किसानों की पंचायत

गांव की भौमजी परस में हुई किसानों की पंचायत

महम
गांव निंदाना में हाॅल में ही चकबंदी हुई है। चकबंदी के विरोध में ग्रामीण लामबद्ध हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है चकबंदी के दौरान सरकारी कर्मचारियों ने मिलीभगत करके बहुत घालमेल किया है। गरीब किसानों की भूमि अपेक्षाकृत कम उपयोगी क्षेत्र में लगा दी जबकि रसूखदार किसानों ने अपनी भूमि उपयोगी क्षेत्रों में लगवा ली। किसानों ने मांग की है इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा एसआईटी का गठन कर जांच की जानी चाहिए।
इस संबंध में मंगलवार को गांव भौमजी परस में पंचायत हुई। पंचायत के बारे में जारी लिखित बयान में ग्रामीणों ने कहा है कि चकबंदी स्टाफ द्वारा ग्रामीणों को कहा गया था जिसकी जहां जमीन है, वहीं लगवाई जाएगी, लेकिन वास्तव में ऐसा हुआ नहीं। ग्रामीणों ने कहा कि रसूखदार किसानों की जमीन हाईवे तथा अन्य उपयोग स्थलों के आसपास लगी है। गरीब किसानों की जमीन ऐसे स्थानों पर लगा दी जहां हर वर्ष पानी जमा होता है।
ग्रामीणों ने पंचायत में कहा कि ग्रामीणों से पत्थर व ड्रील के नाम पर लगभग 24 लाख रुपए एकत्र किए गए। यह पैसे को भी कुछ लोगों ने द्वारा खुर्दबुर्द किए जाने का आरोप है।
किसानों का कहना है कि चकबंदी स्टाफ द्वारा गुमराह किया जा रहा है कि अधिकतर किसानों ने नई चकबदंी के कब्जे ले लिए हैं, जबकि स्थिति है इसके बिल्कुल उल्ट।
किसानों का कहना है कि अगर मामले की गहनता से जांच हो तो यह एक बड़ा घोटाला है और यह घाटोला करोड़ों में हो सकता है।
पहले नहीं हुई थी निंदाना चकबंदी
हरियाणा में अधिकतर गांवों में हुई चकबंदी के दौरान गांव निंदाना में चकबंदी नहीं हो पाई थी। वर्ष 2006 से फिर से चकबंदी का कार्य आरंभ था। यह कार्य हाॅल में ही पूरे किए जाने का दावा किया गया है, लेकिन किसान इसका विरोध भी कर रहे हैं। इंदु दहिया/ 8053257789

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