उल्टे पांव चलते पुनीत आचार्य

किसान आंदोलन को समर्थन देने का अनोखा तरीक़ा

  • हर रोज़ चलता है 35 किलोमीटर उल्टे पांव
  • पुलवामा हमले के बाद भी उल्टा चला था भट्टू कलां का पुनीत आचार्य

किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए अलग-अलग व्यक्ति अलग तरीक़े अपना रहे हैं। भट्टू कला ज़िला सिरसा के 22 वर्षीय पुनीत आचार्य भी विशेष अंदाज़ में किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। पुनीत आचार्य अपने गांव की चौपाल से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर तक उल्टे पांव जा रहे हैं। पुनीत बुधवार की सुबह महम से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।

पुनीत को विदा करते महमवासी

सात जनवरी को चले थे गांव से

पुनीत सात जनवरी को गांव से रवाना हुए थे। गहरी धुंध और ख़राब मौसम के बावजूद पुनीत हर रोज़ 35 किलोमीटर उल्टे पांव यात्रा करते हैं। रास्ते में लोगों को किसान आंदोलन को समर्थन देने का अनुरोध करते हैं।

सरकार किसानों की बात मानें

पुनीत का कहना है कि सरकार को किसानों की बात माननी चाहिए। कृषि क़ानूनों को वापिस लेकर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। किसानों को विश्ववास में लेकर ही कोई क़ानून बनाना चाहिए।

ख़ास प्रोजैक्ट छोड़ा है बीच में

पुनीत आचार्य इन दिनों बिना डीजल तथा पैट्रोल से चलने वाले वाहनों पर कार्य कर रहे हैं। इस प्रोजैक्ट को बीच में छोड़कर वे किसान आंदोलन के समर्थन में आए हैं।

पुलवामा हमले के बाद भी चले थे उल्टे

पुनीत आचार्य पुलवामा हमले के बाद भी गांव से दिल्ली तक उल्टे पांव चल कर गए थे। उनका कहना है कि जब भी देश में कुछ ऐसा घटित होता है वे अपने आप को रोक नहीं सकते।

ये रहे महम में मौजूद

महम में उनके साथ राजू नम्बरदार, सोनू शर्मा, राजेश गोयत, जितेंद्र, नवीन ग्रेवाल, टीपू, सुनील गोयत, राजेंद्र पांचाल, विक्की खत्री, अशोक, सोमबीर तथा जयपाल आदि उपस्थित रहे।

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