जीवन भी एक सपना है, बस जैसा है उसे स्वीकर करना ही बेहतर है
एक राजा का एक ही पुत्र था। वह गंभीर रूप से बीमार हो गया। चिकित्सकों ने जवाब दे दिया कि वह पूरी रात का भी मेहमान नहीं है। आज ही रात उसका शरीर पूरा हो जाएगा।
राजा और रानी गंभीर चिंता और उदासी में अपने पुत्र के पास बैठे हुए थे। नींद नजदीक नजदीक भी नहीं थी। अचानक ऐसा हुआ कि राजा को नींद की झपकी आ गई।
नींद में राजा को स्वपन आया कि पूरी पृथ्वी का सम्राट है। उसके एक नहीं 12 पुत्र हैं। सभी सुंदर तथा बलवान हैं। राजा बहुत खुश है।
अचानक उसकी पत्नी की चीख से उसकी निंद्रा टूट गई। निंद्रा के साथ उसका स्वपन भी टूट गया। उनका इकलौता पुत्र चिर निंद्रा में सो चुका था।
राजा को जब पता चला कि उसका पुत्र नहीं रहा है तो वह जोर-जोर से हंसने लगा। रानी से पूछा कि क्या हुआ, आप पागल तो नहीं हो गए हो? हमारा इकलौता पुत्र नहीं रहा है।
राजा ने कहा कि किस बात को सच मानूं। कुछ देर पहले मैं सपने में 12 पुत्रांे का पिता था। पूरी पृृथ्वी का सम्राट था। अब खुली आंखांे में एक ही पुत्र था और वह भी नहीं रहा। आंखे बंद थी तो वह सपना भी सत्य ही लग रहा था। अब आंखे खुली तो यह सत्य लग रहा है।
कहीं ऐसा तो नहीं है कि दोनांे ही सपने हो! यह खुली आंखों का सपना और वह बंद आंखों का सपना।
कहीं ऐसा तो नहीं है ये जीवन ही सपना हो। अगर जीवन ही सपना है तो किसी के जाने क्या गम और रहने की क्या खुशी?
जीवन जैसा है वैसा स्वीकार करने में शांति है।
आपका दिन शुभ हो!!!!!
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