महान आर्यसमाजी थे स्वामी सत्यपति
मुस्लिम घर मे जन्म लिया और जगाई आर्यसमाज की अलख
महम
महम के गांव फरमाणा में वेदों के महान ज्ञाता स्वामी सत्यपति जी की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई।
संचालन डॉ. राजेश आर्य ने किया।
स्वामी सत्यपति का जन्म 95 वषोॅ पहले फरमाणा गांव में हुआ था।
स्वामी जी पिछले वर्ष फरवरी में परमात्मा के परमधाम चले गये थे। स्वामी जी संन्यास लेने के बाद रोजड़ गुजरात में वानप्रस्थ साधक आश्रम बनायाए जहां अब दर्शन योग महाविद्यालय चल रहा है। स्वामी जी इस महाविद्यालय के संचालक थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के प्रधान स्वामी आर्यवेश जी ने कहा स्वामी सत्य पति जी का नाम उनके सत्य पर चलने वाले विचारों को लेकर रखा गया था। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलना चाहिए।
वानप्रस्थ साधक आश्रम रोजड़ स्वामी जी की कर्मस्थली गुजरात से मुनि सत्यजीत जी, दर्शन योग महाविद्यालय सुन्दरपुर से स्वामी शांतानंद जी, कालुवा गुरुकुल से स्वामी नित्यानंद जी, स्वामी आदित्य वेश जी बेटी बचाओ अभियान की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन पूनम आर्य व प्रवेश आर्य, स्वामी रामानंद जी, करनाल आर्य समाज के प्रधान नफे सिंह आर्य, पार्षद मनोज पहलवान, जयपाल आर्य, ऋतुराज आर्य, सत्यवीर आर्य, राजवीर आर्य, समाजसेवी महावीर सहारण, आर्य समाज जुलाना, आर्य समाज मालवी, आर्य समाज पुट्ठी,आर्य समाज सैमान, आर्य समाज भैणी चंद्रपाल, आर्य समाज मोखरा, आर्य समाज बहु अकबरपुर,आर्य समाज रोहतक, जसवीर देशवाल वेद प्रचारक अधिष्टा दयानंद मठ रोहतक रोहतक, आर्य समाज टिटोली,आदि सैकड़ों ग्रामीण आर्य मौजूद रहे। दीपक दहिया/ 8950176700
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