मंगलवार को महाबीर सहारण के नेतृत्व में डीसी से मिलेंगे ग्रामीण
महम
महम चौबीसी के गांव फरमाणा खास का नाम गांव के शहीद शुभराम के नाम पर रखने की मांग की गई है। शहीद शुभराम 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने का ज्ञापन देने के लिए गुरुवार को भी ग्रामीण उपायुक्त से मिलने गए थे। उपायुक्त के नहीं मिल पाने के कारण ग्रामीण मंगलवार को फिर से उपायुक्त से मिलेंगे।
उपायुक्त से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी महाबीर सहारण ने बताया कि शहीद शुभराम उनके गांव का गौरव हैं। नई पीढ़ी को उनके बारे में ज्यादा पता नहीं था। गत 26 जनवरी को शहीद शुभराम के परिवार को सम्मानित किया गया था। उन्होंने अभियान चलाया है कि उनके नाम पर गांव के स्कूल का नाम हो। साथ ही स्कूल परिसर में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाए। हालांकि स्कूल में उनके द्वारा शहीद शुभराम के चित्र लगवा दिए गए हैं। इसी अभियान के तहत वे उपायुक्त से मिलने गए थे, उपायुक्त नहीं मिल पाए। मंगलवार को वे फिर से उपायुक्त से मिलेंगे।
कौन थे शहीद शुभराम
शहीद शुभराम का जन्म गांव फरमाणा में 29 जनवरी 1951 को एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। सेना में भर्ती होने के लगभग डेढ़ साल बाद ही भारत-पाक युद्ध मंे वे शहीद हो गए थे। उनकी शहादत्त के लगभग छह महीनें बाद उनकी पत्नी सत्तो देवी को उनकी बेटी सुशीला हुई थी।
सत्तो देवी ने अपना पूरा जीवन अपनी पति की याद तथा बेटी के सहारे ही काट दिया। उनकी बेटी सुशीला ने तो लगभग 49 साल के बाद ही अपने पिता का चेहरा फोटो में ही देखा था। यह फोटो उन्होंने बरेली के सेना कार्यालय से काफी प्रयासों के बाद निकलवाया था। अब ग्रामीणों ने शहीद शुभराम को शाहदत्त को जन-जन तक पहुचंाने का बीड़ा उठाया है। इंदु दहिया/ 8053257789
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