महम में निकाली गई कल्श यात्रा

डा. स्वामी विवेकानंद जी दे रहे हैं श्रद्धालुओं को उपदेश

रवि शंकर शुक्ल जी कर रहे हैं कथा वाचन
महम

श्रीकृष्णानंद जी, गोविंदानंद जी महाराज के परमशिष्य श्री श्री 108 महामंडलेश्वर डा. स्वामी विवेकानंद जी का कहना है कि मानव अपने मन को थोड़ा भी मोड़ ले तो श्रेष्ठ जीवन जीने में कामयाब हो सकता है। मन को मोड़ना संतों और गुरुओं से सीखा जा सकता है। मन जब सही दिशा में चलने लगेगा तो मानव की भी दिशा और दशा ठीक हो जाएगी।
डा. स्वामी विवेकानंद जी महाराज महम के श्रीभगवद्धाम मंदिर में चल रहे 74वंे भक्ति ज्ञान यज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में मानव के लिए मन को नियंत्रित करना थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन संतो के आशीर्वाद से मानव अपने मन को नियंत्रित करने का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने भक्तों को संतो के बताए रास्ते पर चलने के लिए कहा।
इस आध्यात्मिक आयोजन के दौरान श्रीमद्भगवत कथा भी चल रही है। कथा वाचन कर रहे रवि शंकर शुक्ल जी ने ध्रूव भक्त की कथा का वाचन किया। उन्होंने बताया कि ध्रूव भक्त ने भक्ति के बल पर परमात्मा को पा लिया था।
इस अवसर पर एसकेजी स्कूल के प्रधान प्रवीण दुरेजा, प्राचार्या वंदना गेरा, तिलक महेंदीरत्ता, हंसराज गेरा, पवन गेरा, कृष्ण गेरा, बिट्टू महेंदीरत्ता, कुलदीप, पुष्कर, सीमा रानी, राजरानी, अनीता गेरा, लक्ष्मी बाई तथा सीमा आदि भी उपस्थित रहे। दीपक दहिया/ 8950176700

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