नेत्रदान संयोजन अशोक गुप्ता को सम्मानित करते डा. अर्जुन गोयल

सेठ माईदयाल हवेली लगाया गया निशुल्क जांच शिविर

आखों की जांच से बिमारियों का पता भी लगाया जाएगा
महम

सेठ माईदयाल हवेली में सेठ माईदयाल सेवा केंद्र तथा भारत विकास परिषद् महम के सौजन्य से रविवार को निशुल्क नेत्र चिकित्सा तथा नेत्रदान शिविर लगाया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के उपलक्ष्य में किया गया। शिविर में 262 लोगों की नेत्र जांच की गई। 40 लोगों ने नेत्रदान भी किया।
शिविर में जांच के बाद ऑपरेशन के लिए योग्य पाए गए रोगियों की आंखों का ऑपरेशन भी निशुल्क किया जाएगा। साथ ही आंखों की और गहन जांच भी की जा रही हैं ताकि सम्बन्धित व्यक्ति को भविष्य में होने वाली बिमारियों से सचेत भी किया जा सके। उसे कोई अन्य बीमारी है तो भी उसे अन्य जांच तथा इलाज की सलाह दी जा सके। आंखो की एडवांस जांच आनन्द आई हॉस्पिटल महम में की जाएगी। ऑपरेशन भी इसी हॉस्पिटल में होंगे। शिविर में रक्तचाप तथा शुगर की जांच भी की गई।
डा. अर्जुन गोयल की देखरेख में लगाए गए इस शिविर में पूर्व सीएमओ डा. राजेंद्र प्रसाद, डा. आनंद शर्मा तथा डा. कमल ने रोगियों का चेकअप किया। शिविर के संयोजक मास्टर सुशील गुप्ता तथा नेत्रदान संयोजक अशोक गुप्ता रहे। इस अवसर पर राजू गोयल, डा. ओपी चिटकारा. जीजेयू हिसार के उपनिदेशक जनसंपर्क डा. विजय दहिया, डा. जयवीर मुदगिल, पालिका उपाध्यक्ष बसंतलाल गिरधर, पूर्व पालिका अध्यक्ष फतेह सिंह, बॉबी गोयल, मुकेश गर्ग, पवन गेरा, सचिन गर्ग, प्रमोद रोहिला तथा पालिका पार्षदों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

शिविर में नेत्रदाताओं को किया गया सम्मानित

आंखे शरीर का आइना होती हैं. डा. गोयल
डाक्टर अर्जुन गोयल ने कहा कि आंखे शरीर का आइना होती हैं। आंखो से शरीर में होने वाली बिमारियों का 5 साल पहले पता लगाया जा सकता है। हार्ट, किडनी, लीवर तथा कई अन्य बिमारियों के लक्षण आंखों में उभर आते हैं। यहीं कारण रहा कि उन्होंने आंखों की एडवांस जांच कराने का निर्णय भी लिए है।

महम की पहली नेत्रदान दाता सारा देवी (फाइल फोटो)

माईदयाल परिवार से थी महम की पहली नेत्रदाता
महम की पहली नेत्रदाता सेठ माईदयाल परिवार से ही थी। सेठ माईदयाल की पुत्रवधु सारो देवी पत्नी भगवानदास की 23 जुलाई 2003 को मरणोपरांत आखें दान की गई थी। सारो देवी के पुत्र विनोद गोयल ने बताया कि उसके बाद उनके परिवार के एक और सदस्य की मरणोपरांत आंखें दान की गई। उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए नेत्रदान शिविर लगाया गया है ताकि नेत्रदान के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो। इंदु दहिया/ 8053257789

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