93 साल की उम्र में महम में ली अंतिम सांस
पंजाबी धर्मशाला के निमार्ण के आधार सतंभ थे रामधन मनचंदा
महम
समाजसेवी तथा महम के पंजाबी समाज के सामाजिक फैंसलों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले रामधन मनचंदा नहीं रहे। 93 वर्षीय रामचंद मनंचदा ने आज अंतिम सांस ली। वे कुछ समय से बीमार थे। रामधन मनचंदा अपने पीछे दो बेटों और तीन बेटियों का परिवार छोड़कर गए हैं।
महम की पंजाबी धर्मशाला के आधारस्तंभ माने जाते थे। डा. ओपी चिटकारा ने बताया कि रामधन मनचंदा की फैंसलों को पंजाबी समाज में बहुत अधिक सम्मान था। वे जो कहते थे, सब मान लेते थे। पंजाबी धर्मशाला के निर्माण जब भी जरूरत पड़ी वे आगे आए। न केवल खुद आर्थिक सहयोग किया बल्कि चंदा करने में मदद भी की। वे पंजाबी धर्मशाला के प्रधान भी रहे हैं। वर्तमान में सचिव थे। उनके निधन से महम ने एक ऐसे सामाजिक व पंचायती व्यक्तित्व को खो दिया है जिसकी भरपाई करना असंभव है। 24c न्यूज/ इंदु दहिया 8053257789
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