नए खिलाड़ियों को मिलेगा प्रोत्साहन

भारतीय हॉकी टीम की कप्तान एवं वर्तमान में आपकी की प्रशिक्षक प्रीतम सिवाच को द्रोणाचार्य खेल पुरस्कार मिलने की खबर से महम चौबीसी क्षेत्र में खुशी की लहर है।

प्रीतम सिवाच चौबीसी के गांव सैमाण की बहू है।उनके पति कुलदीप सिवाच भी हॉकी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं।

वर्तमान में प्रीतम सिवाच व उसके पति कुलदीप सिवाच सोनीपत में रह रहे हैं। यहां इनकी हॉकी एकेडमी है।
प्रीतम सिवाच की एकेडमी की चार खिलाड़ी इस बार ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व कर रही थी।

इसके अतिरिक्त प्रीतम सिवाच भारतीय रेलवे में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं तथा कुलदीप भारतीय रेलवे में ही टीटी पद पर तैनात हैं।

प्रीतम सिवाच को हॉकी में श्रेष्ठ योगदान देने के लिए अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है।

प्रीतम सिवाच की कुलदीप के साथ 1999 में शादी हुई थी। प्रीतम सिवाच व कुलदीप अभी भी अपने पैतृक गांव से जुड़े हुए हैं। विवाह शादी वह अन्य किसी भी समारोह में भाग लेने के लिए दोनों गांव में आते हैं। इनकी खेती की जमीन तथा पुस्तैनी मकान अभी भी गांव में है।

प्रीतम सिवाच को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर चौबीसी के उन्होंने का कहना है कि ग्रामीणों का कहना है कि प्रीतम सिवाच को तुम्हारे पुरस्कार मिलने से महम चौबीसी तथा ग्रामीण इलाके में विशेषकर लड़कियां खेलों की तरफ और अधिक आकर्षित होंगी।

दीपक दहिया/ 8950176700

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