टोडर पाना की कमेटी ने उठाया विकास का बीड़ा, गांव को अति आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की बनाई योजना
24सी न्यूज, महम।
एक गांव जहां गलियों में झूमर लाइट हो, डिजिटल पुस्तकालय हो, आधुनिक जिम हो और हरे पेड़ लहलाह रहे हों। तो उस गांव को शहर से बेहतर कहा जाए तो ये कोई अतिशियोक्ति नहीं हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं गांव सैमाण की जहां मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है और गांव में पर्यावरण शुद्धता के लिए पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। यह सब बिना किसी सरकारी सहायता के गांव के ही संधासनों से हो रहा है। सैमाण के टोडर पाना की पाना कमेटी गांव की तस्वीर बदलने में जुटी है।
चार किलोमीटर दूर से लाए पेयजल, हर पांच सौ मीटर पर है पानी की टंकी
सैमाण में जमीन के नीचे का पानी पीने लायक नहीं है इसलिए हैंडपंप भी कामयाब नहीं हैं। जलघर से कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। पाना कमेटी ने लगभग चार किलोमीटर दूर नहर के पास पाना की जमीन के साथ एक जमीन का बदला करके ट्यूबवेल लगाया। ट्यूबवेल के पानी को पाना में पहुंचाने के लिए हर पांच सौ मीटर पर पानी की टंकियां बनवाई जा रही हैं, नौ टंकियां बन चुकी हैं। ग्रामीण अपनी जरूरत के अनुसार इन टंकियों से पेयजल ले रहे हैं। सुबह-शाम हर रोज टंकियों को भर दिया जाता है।

आधुनिक जिम में सेहत पर जोर दे रहे युवा
कमेटी ने युवाओं के लिए बाबा वाले पार्क में जिम बनाया है। जिम में आधुनिक उपकरण स्थापित किए गए हैं। यहीं अखाड़ा भी बनाया गया है। जहां सभी प्रकार की सुविधाएं कमेटी ने नि:शुल्क की हैं। काफी संख्या में युवा यहां आकर जिम का फायदा उठा रहे हैं।
अब बस्ती में नहीं होता जलभराव
जलै वाले तालाब के पास लगभग 75 घरों की बस्ती में हर साल बारिश के दिनों में जलभराव हो जाता था। कमेटी ने इस बस्ती के लिए विशेष रूप से लगभग तीन एकड़ का मिट्टी से पटड़ा बनवाया। अब इस बस्ती में पानी नहीं जाता। गंदे पानी की निकासी के लिए पूर्व कमेटी ने तीन एकड़ जमीन खरीदी थी। पशुओं के गौरे में मिट्टी डलवा कर उसे पशुओं के लिए उपयुक्त बना दिया गया। नालों की सफाई करवाई है। क्रासिंग नालियों में पाइप लगाए गए हैं। सभी कुओं की सफाई कराई गई हैऔर अवैध कब्जे हटवाए गए हैं। पशुओं के लिए पानी की खेल बनवाई गई हैं। इसके अतिरिक्त मूलभूत सुविधाओं पर पूरा जोर दिया जा रहा है।
एक विचार ने बदल दी तस्वीर
सैमाण के टोडर पाना में तीन तालाब हैं। संयोग से मुरसीवाला, जलै वाला तथा नया तालाब तीनों ही साथ-साथ लगभग 22 एकड़ में फैले हैं। ग्रामीणों ने इन तालाबों का अच्छे से रखरखाब करके मछली पालन के लिए ठेके पर देना शुरू कर दिया। ग्रामीणों को इस वर्ष ठेके से 28 लाख रुपए मिले हैं।
ये है योजना कमेटी का कहना है कि वे गांव में आधुनिक डिजीटल पुस्तकालय स्थापित करना चाहते हैं। ताकि विद्यार्थी शिक्षा की आधुनिक तकनीकों के माध्यम से अपने आप को अपडेट कर सकें। इसके अतिरिक्त गलियों में झूमर लाइट लगा कर गलियों को नया रूप देना चाहते हैं। ताकि गांव और अधिक सुंदर लगे। कई और कार्य करने की योजना है।
बहुत अच्छा काम किया है-सरपंच
गांव के सरपंच रामनिवास ने कहा कि पाना कमेटी काफी अच्छा काम कर रही है। बिना सरकारी या पंचायत की सहायता से कमेटी द्वारा अच्छे-अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। ये खुशी की बात है
ये है कमेटी
वर्तमान कमेटी में जगबीर सिंह, नरेश, महाबीर, सुरेश कुमार, राजकुमार, वजीर सिंह, सतबीर पंडित, रोहतान पंडित, जितेंद्र फौजी, राजेश उर्फ निट्टू, सुमीत कुमार, विकास, रामकुमार फौजी, कुलदीप, डा. विजय, राजेंद्र फौजी, दीपक अंबेडकर, विकास कुमार, रोहताश कुमार, बलवान फौजी, अशोक, रवींद्र कुमार तथा जगदीश शामिल हैं। कमेटी का कहना है वर्तमान कमेटी पूर्व कमेटियों के बताए रास्ते पर ही चल रही है। पूर्व कमेटियों ने अपने-अपने कार्यकाल में गांव में अच्छे कार्य किए हैं। उन्होंने पूर्व कमेटी सदस्यों के प्रति अत्यंत श्रद्धा सम्मान व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि लगभग बीस साल से पाना में यह कमेटी कार्य कर रही है। पूर्व सरपंच सूबे सिंह, पूर्व सरपंच सुनील उर्फ काला, रणधीर सिंह, रण सिहं मास्टर, प्रकाश प्रधान व रामकिशन आदि कई गणमान्य ग्रामीणों ने समय-समय पर सहयोग, समर्थन व मार्गदर्शन किया है।
बिजेंद्र ‘विजय’ दहिया का नज़रिया, फोटो-सोहन फरमाणा
