मंगलवार को डीसी से मिलेंगे ग्रामीण
90 प्रतिशत गलत चंकबंदी होने का आरोप
महम
गांव निंदाना के ग्रामीणों ने चकबंदी का विरोध किया है। आरोप है कि चकबंदी में लगे स्टाफ व अधिकारियों ने रसूखदारों की जमीन अच्छी लगा दी। जबकि गरीब ग्रामीणों की जमीन जलभराव अन्य कम कीमत के इलाके में लगा दी। हालांकि चकबंदी आरंभ होने के समय आश्वान दिया गया था कि जिसकी जहां जमीन है उसे वहीं पर कब्जा दिया जाएगा। गांव निंदाना सीएम मनोहर लाल का पैतृक गांव है।
निंदाना गांव की चकबंदी नहीं हुई थी। 2016 में यहां फिर से चकबंदी का कार्य आरंभ हुआ था। उस समय गांव की औमजी चौपाल में पंचायत हुई थी। ग्रामीणों ने लिखित बयान मंे कहा है कि उन्हें प्रशासन की ओर से आश्वासन मिला था कि जिसकी जहां जमीन हैं, उसकी जमीन वहीं पर लगाई जाएगी। अगर किसी की जमीन बदली जाएगी तो आपसी सहमति से ऐसा किया जाएगा।चकबंदी की कब्जा कार्रवाई के दौरान सामने आया कि प्रशासन ने ऐसा नहीं किया।
पूरे गांव की जमीन की कीमत एक लगा दी
ग्रामीणों का कहना है कि चकबंदी में पूरे गांव की जमीन की कीमत एक लगा दी। जबकि बीते कई वर्षों से निंदाना की काफी जमीन में जलभराव होता है। इस जमीन की कीमत बिना जलभराव वाली जमीन के बराबर नहीं हो सकती।
रसूखदार आ गए हाईवे के पास
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि कई रसूखदार किसान चकबंदी स्टाफ व अधिकारियों से मिलकर अपनी जमीन अच्छे जगह पर लगवा गए। कई रसूखदारों ने अपनी जमीन यहां गुजरने वाले नेशनल हाईवे के साथ भी लगवा ली। जिससे उनकी जमीन की कीमत बढ़ गई। ग्रामीणों का आरोप है कि चकबंदी का कार्य 90 प्रतिशत गलत है।
तनाव की आशंका
ग्रामीणों ने कहा है कि इस मामले को लेकर गांव में तनाव बढ़ने की आशंका है। ऐसे में कब्जा कार्रवाई की प्रकिया तुरंत रोकी जाए। ग्रामीण इसी मामले को लेकर मंगलवार को डीसी से मिलेंगे तथा चकबंदी की कब्जा कार्रवाई की प्रकिया रोकने की मांग करेंगे। दीपक दहिया/ 8950176700
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