आज का जीवनसूत्र
चार यात्री एक साथ यात्रा पर थे! उनमें एक पर्शियन था! दूसरा तुर्क, तीसरा अरबी तथा चौथा यूनानी! उनकी फल खाने की इच्छा हुई! ख़र्च करने के लिए उनके पास पैसे बहुत कम थे! पर्शियन ने कहा मै अंगूर खाना चाहता हूँ! तुर्की ने कहा नहीं मुझे तो उज़ूम खाने हैं! अब अरबी भड़क गया, ‘नहीं मुझे तो इनाब चाहिए यूनानी कहां चुप रहता, उसने कहा मैं तो सटाफ़िल खाऊंगा! अब शुरू हुआ चारों में घमासान! कोई मानने को तैयार नहीं! लड़ाई शुरू!
खैर, एक विद्वान फ़क़ीर वहां से गुजर रहा था! उसने उनकी लड़ाई सुनी और कहा पैसे मुझे दो! फल मैं ला के देता हूँ! चारों मान गए! फ़क़ीर गया और दिए गए पैसे के अंगूर ले आया!
तुर्क ने तुरंत कहा अरे ये तो मेरे उज़ूम हैं! अरबी ने कहा यही तो मैं मांग रहा था, ये मेरे इनाब हैं! यूनानी ने कहा ये तो मेरे स्टाफ़िल हैं! फ़क़ीर ने समझाया, तुम सब एक ही फल मांग रहे थे! फ़िर भी लड़ रहे थे! दरअसल पर्शियन के अंगूर को, तुर्की में उज़ूम, अरबी में इनाब और ग्रीक में स्टाफ़िल कहते हैं!
लडऩे से पहले समझ लें!
आपका दिन शुभ हो!!!!!
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