अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है महम नगरपालिका का प्रधान पद

इंदु दहिया
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही एक बार फिर पालिका व पंचायत चुनावों की चर्चा आरंभ हो गई है। महम में पालिका चुनावों के लिए लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हालात यह हो गई है कि यहां इन दिनों होने वाले छोटे बड़े कार्यक्रमों को भी राजनीति से जोड़ कर देखा जाने लगा है। धार्मिक कार्यक्रम भी राजनीति के सांचे में ढ़ल गए हैं या ढ़ाल दिए गए हैं या फिर ढ़ालने का प्रयास किया जा रहा है। पालिका प्रधान पद के लिए आरक्षण का ड्रा निकलते ही चर्चाएं ज्यादा तेज हुई थी। उसके बाद चर्चाएं कुछ समय के लिए कुछ शांत रही। अब फिर से तेजी आई है। हालांकि आरंभ चुनाव लड़ने के इच्छुकों की संख्या ज्यादा दिख रही थी, लेकिन फिलहाल कुछ नाम अब पहले जितने सक्रिय नहीं दिख रहे।
इसके बावजूद कुछ नाम अभी भी चर्चा में हैं। इनमें से कुछ ने प्रत्यक्ष और कुछ ने प्रत्यक्ष तौर पर चुनाव की तैयारियां भी आरंभ कर रख रखी हैं। कुछ अपनी आंका पार्टियों के आशीर्वाद के इंतजार में हैं तो कुछ हर हाल में चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।
भाजपा ताकतवर भी, चुनौती भी
महम में वर्तमान समय में भाजपा एक बड़ी ताकत के रूप में दिखती है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने से भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह भी सातवें आसमान पर है। हालांकि अभी तक पार्टी की ओर से सपष्ट घोषणा नहीं हुई हैं कि नगरपालिका चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ा जाएगा या केवल प्रत्याशी को आशीर्वाद दिया जाएगा। लेकिन वर्तमान समय में जिस प्रकार भाजपा के पक्ष में माहौल बना है उसके चलते पार्टी चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने का निर्णय ले भी सकती है। जो दल सत्ता में होता है या फिर जिसका बहुमत दिखता है उसी दल में टिकट या आशीर्वाद चाहने वालों की संख्या भी अधिक होती है। ऐसा ही महम में भाजपा के साथ भी है।
भाजपा में है इन नामों की ही चर्चा
भाजपा के प्रत्याशियों में मुख्य रूप से निवर्तमान प्रधान फतेह सिंह के परिवार से किसी महिला के चुनाव लड़ने की चर्चा शहर में जोरों से है। हालांकि फतेह सिंह या किसी भी पार्टी के नेता ने इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है। फतेह सिंह को भाजपा नेता शमसेर खरकड़ा का अति नजदीकी माना जाता है। शमसेर सिंह के आशीर्वाद के चलते ही वह गत योजना में पालिका प्रधान भी बना था। यही कारण है लोग मान रहे हैं कि फतेह सिंह को भाजपा का प्रधान पद का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। हालांकि फतेह सिंह जिस जाति से आते हैं उस जाति की महम में वोटों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम हैं।
इसके अतिरिक्त भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं जिला सचिव मीना बाल्मीकि को भी मुख्य दावेदारों में माना जा रहा है। मीना बाल्मीकि लंबे समय से भाजपा में सक्रिय है। पिछले दिनों श्याम मित्र मंडल द्वारा आयोजित बाबा खाटू श्याम मंदिर बहुअकबरपुर के लिए पद यात्रा मंे विधायक बलराज कुन्डू के साथ उनकी फोटो खूब वायरल हुई थी। इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए मीना को सफाई तक देनी पड़ी थी। इस यात्रा में भाजपा व अन्य दलों के कार्यकर्ता व उनके परिवार के सदस्य भी शामिल थे, लेकिन ज्यादा चर्चा मीना बाल्मीकि के नाम की हुई। इससे लगता है कि उन्हें भी महम में प्रधान पद के प्रत्याशी के रूप में अग्रणी रूप से देखा जा रहा है। हालांकि उनका कहना है कि पार्टी प्रत्याशी अवश्य बनना चाहती हैं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी को ही लेना है कि उन्हें चुनाव लड़वाया जाए या नही।
इसके अतिरिक्त पूर्व पालिक प्रधान जगबीर सिंह के परिवार से भी किसी महिला के चुनाव लड़ने की चर्चा महम में है। जगबीर सिंह गत चुनावों के पूर्व से ही भाजपा में हैं। आजकल भाजपा के कार्यक्रमों मंे अग्रणी रूप से दिखते भी हैं। वे जिस बिरादरी से आते हैं उनकी बिरादरी महम में अनुसूचित जाति में संख्या में सबसे अधिक भी है। हालांकि उनका भी फिलहाल तक यही कहना है कि वे पार्टी के आदेशानुसार कार्य करंेगे। नाम कुछ और भी है। दावेदारी भी पेश कर चुके हैं। इनमें से कुछ को वार्ड के पार्षद चुनाव लड़ाकर शांत किया जा सकता है। कुछ ऐसे ही मनाया जा सकता है। हो सकता है हालात ऐसे हो जाएं कि इनमें से भी किसी के हाथ भाजपा का आशीर्वाद लग सकता है। निवर्तमान पार्षद अनिल चावरियां के नाम की भी महम में चर्चा है।
अब टिकट या आशीर्वाद तो किसी एक को ही मिलेगा। ऐसे में भाजपा के समक्ष टिकट या आशीर्वाद चाहने वालों को एकजुट रखना निश्चित तौर पर चुनौती रहेगी।
अन्य दल इसी में अपनी संभावना देख रहे हैं। निवर्तमान पार्षद बंटी सिंहमार आरंभ मंे कांग्रेस से अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगते दिख रहे थे, लेकिन फिलहाल वे चुप हैं। उनकी चुप्पी को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। निवर्तमान पार्षद रमेश दहिया को लेकर भी अलग-अलग कयास लगाए जाते रहे हैं।
जहां तक कांग्रेस के प्रत्याशी की बात है तो महम में इन दिनों राकेश चावरिया को मुख्य दावेदार के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। हालांकि पार्टी के तरफ से अभी किसी भी प्रकार का संकेत नहीं दिया गया है। कांग्रेस के लिए कुछ अन्य नामों की चर्चा भी यहां हो रही है। कांग्रेस भी नए या नाराज में से किसी को चुन सकती है।
किसे मिलेगा विधायक बलराज कुन्डू का आशीर्वाद
इन दिनों सबसे अधिक चर्चा विधायक बलराज कुन्डू के आशीर्वाद को लेकर हो रही है। विधायक बलराज कुन्डू पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार सक्रिय हैं। खाटू श्याम पदयात्रा में वे पूरे 19 किलोमीटर तक पैदल चले। 17 मार्च को होली मिलन भी कर रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा भी है कि वे कोई अच्छा सा प्रत्याशी लेकर आएं उसकी हर प्रकार से मदद करेंगे। किसी नए प्रत्याशी के साथ-साथ किसी नाराज प्रत्याशी पर भी उनकी नजर रहेगी।
ये इंदु दहिया के निजी विचार हैं

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