राम-केवट संवाद ने दर्शकों को कर दिया भावुक
मीना वाल्मीकि और उनकी टीम रही पंचायती रामलीला में मुख्यातिथि
महम
महम में चल रही रामलीलाओं में शनिवार की रात्रि को राम का वनगमन, राजा दशरथ का परलोक सिधारना तथा राम-केवट संवाद की लीला हुई। पंचायती रामलीला का शुभारंभ भाजपा की जिला सचिव मीना वाल्मीकि तथा उनकी टीम ने तथा आदर्श रामलीला का शुभारंभ अजीत नेहरा ने किया।
श्रीराम के साथ लक्ष्मण और जानकी के वनगमन के दुःख को राजा दशरथ सहन नहीं कर पाए और वे परलाके सिधार गए। इधर श्रीराम ने केवट से उन्हें गंगा पार कराने के लिए कहा तो केवट हिचक गए। उन्होंने कहा कि आपके चरण स्पर्श से ही एक पत्थर की शिला नारी बन गई थी। ऐसे ही अगर मेरी नाव भी नारी बन गई तो मैं क्या करुंगा? तब श्रीराम ने उनकी शंका को दूर किया और केवट के साथ उनकी नाव में बैठकर गंगापार की। राम-केवट संवाद का भावुक चित्रण दर्शकों को खूब पसंद आया।
यहां जब श्रीराम केवट को मजूदरी स्वरूप अंगूठी देने लगे तो गजब का संवाद हुआ। केवट कहते हैं-
मजदूर कभी मजदूरों से मजदूरी लेते हैं स्वामी?
मल्लाह कभी मल्लाहों से मल्लाही लेते हैं स्वामी?
मैं गंगा का मांझी हूं , तुम भव सागर के केवट हो!
अपना ऋणी समझते हो तो, ऋण वहीं चुका देना।
मैने गंगा पार कराई, तुम भव से पार लगा देना।।
आदर्श रामलीला में राजा दशरथ कैलाश गोयल, गुरु वशिष्ठ दीप गोयल, केकैयी नवरत्न रोहिल्ला, रानी सुमित्रा अभिषेक, कौशल्या प्रदीप खुंडिया, श्रीराम ललित गोयल, लक्ष्मण विक्की गोयल तथा सीता आशु गोयल बने।
उधर पंचायती रामलीला में मीना वाल्मीकि, सतबीर भराण व सुभाष दुहन आदि ने रामलीला संचालन के लिए 31 हजार रूपए का योगदान दिया। पंचायती रामलीला को निर्देषन प्रवीण शर्मा कर रहे हैं, जबकि आदर्श रामलीला का निर्देशन ओमप्रकाश दहिया कर रहे हैं। रामलीलाओं को दर्शकांे की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना के बाद हो रही रामलीला आयोजन का शहर तथा क्षेत्रवासी जमकर आनंद ले रहे हैं। (विज्ञप्ति) इंदु दहिया/ 8053257789
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