रौनक फीकी है रक्षाबंधन की, कम हो रही है राखियों की बिक्री
- कोरोना का असर साफ दिख रहा है राखियों के बाजार पर
- आधे के पास हो रही है बिक्री
महम में रक्षाबंधन के त्यौहार की रौनक इस बार कुछ फीकी बताई जा रही है। गत वर्षों की अपेक्षा राखियों की बिक्री काफी कम है। दुकानदारों का कहना है कोरोना महामारी के प्रभावों के चलते राखी बाजार की यह स्थिति हुई है।
आधी के आसपास है बिक्री
महम के आजाद चैक में कई वर्षों से राखी बेच रहे कन्हैया लाल का कहना है कि इस बार गत वर्ष की बजाय 60 प्रतिशत के आसपास की राखियों की बिक्री हो रही है। राखी से कई दिन पहले बिक्री आरंभ हो जाती थी। इस बार ऐसा कम हुआ।
दुकानदारों ने की थी पूरी तैयारी
दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने तो पूरी तैयारी की थी। गत वर्षों की तरह ही राखियां लेकर आए थे। दुकानदारों का मानना था कि राखी के त्यौहार को अपनी हैसियत के अनुसार हर वर्ग का आदमी अवश्य मनाता है। ऐसे में लगता था कि वर्तमान हालातों में भी राखी पर तो बाजार में रौनक लौट ही आएगी।
कोरोना का प्रभाव है मुख्य कारण
दुकानदारों का कहना है कि कोरोना महामारी का प्रभाव ही मुख्य कारण है। दूसरी लहर से जिस प्रकार कोरोना के कारण क्षति हुई है उस कारण त्यौहार के प्रति उत्साह कम हुआ है। लोगों की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हुई है।
महंगाई भी है कारण
कन्हैया लाल ने बताया कि इस बार राखियां गत वर्षों की अपेक्षा महंगी भी हुई हैं। इस बार राखियों की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। कुछ हद महंगाई भी कम बिक्री की जिम्मेदार है। महंगी राखियां कम बिक रही हैं।
गांव से कम आया ग्राहक
राखी विक्रेता प्रवीण ने बताया कि अब राखी फेरी वाले गांवों में भी जाने लगे हैं। इनके पास सस्ती राखियां भी होती हैं। एक कारण यह भी रहा कि गांवों से शहर के बाजारों में ग्राहक अपेक्षाकृत कम आया।
ढाई रूपए से 500 रूपए तक ही हैं राखियां
दुकानदारों ने बताया कि महम के बाजारांे में ढ़ाई रूपए से 500 रूपए तक की राखियां हैं। स्टाइलिश और साधरण हर प्रकार ही राखियां बाजार में उपलब्ध हैं। बाजार में कुछ अस्थायी दुकानें केवल राखी के लिए ही लगी हैं।
(विज्ञप्ति)24c न्यूज/ इंदु दहिया 8053257789
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