कॉमनवेल्थ खेलों में कुश्ती में जीता है कांस्य पदक
फूलों और नोटों की मालाओं से हुआ 48 स्थानों पर स्वागत
राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त पंचायत प्रतिनिधियों व विद्यार्थियों ने किया स्वागत
दीपक ने कहा-इस भव्य स्वागत से कांस्य को स्वर्ण में बदलने की मिली है प्रेरणा
महम
कॉमनवेल्थ खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले दीपक नेहरा का नहरा खाप तथा महम चौबीसी द्वारा भव्य स्वागत किया गया। तिलयार झील रोहतक से महम चौबीसी के चबूतरे और फिर दीपक के गांव निंदाना तक 48 स्थानों पर उनको फूलों तथा नोटों की मालाएं भेंट की गई।
स्वागत यात्रा के संयोजक संदीप नेहरा ने बताया कि सर्वप्रथम तिलयार झील पर दीपक का नहरा खाप की ओर से स्वागत किया गया। उसके बाद गांवों तथा अन्य प्रमुख स्थानों पर दीपक को फूल तथा नोटों की मालाएं भेंट की गई। राजकीय महाविद्यालय महम के सामने महाविद्यालय के स्टाफ तथा विद्यार्थियांे ने दीपक का स्वागत किया।
क्रांति चौक पर सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा दीपक नहरा का स्वागत किया गया। दीपक ने महम चौबीसी के ऐतिहासिक चबूतरे पर दीप प्रज्जवलित किया तथा यहां चौबीसी सर्वखाप द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। इसके बाद दीपक का गांव में स्वागत किया गया।
स्वागत यात्रा के दौरान चौबीसीवासियों ने लाडले पहलवान पर पुष्प वर्षा की तथा उनके लिए भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए और अधिक बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा दी। इस अवसर पर उनके साथ उनके कोच अजय पहलवान तथा परिवार के सदस्य भी थे।
ओलंपिक स्वर्ण पदक है लक्ष्य-दीपक
दीपक ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि उनका लक्ष्य कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतना था और उनकी तैयारी भी इस स्तर की थी। लेकिन उनसे कुछ चूक हो गई और वे स्वर्ण पदक प्राप्त नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि अब उनका लक्ष्य आगामी प्रतियोगिताओं तथा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है। इसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस भव्य स्वागत ने कांस्य पदक को स्वर्ण पदक में बदलने की प्रेरणा दी है। दीपक नहरा महम चौबीसी के गांव निंदाना के हैं। उनके पिता सुरेंद्र नहरा एक साधारण किसान हैं। इंदु दहिया/ 8053257789
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